व्यंग्य 112/09 : A.I [उर्फ़ आर्टिफ़िसियल इंटेलिजेन्स]
नई फ़सल कल तक गाती थी --
" हाय राम कुड़ियों का है ज़माना। हाय राम !"
ख़ैर ’कुड़ियों’ का ज़माना तो हमेशा से रहा है और आगे भी रहेगा। अब वही फ़सल यह भी गा रही है
’हाय राम, ए0आई0 का है ज़माना। हाय राम !"
;इलु0 इल्लु0 की तर्ज़ तब से मैं सोच रहा हूँ पर, यह ए0 आई0 -ए0आई0 क्या होता है?
एक नेता जी अपने विधान सभा क्षेत्र के एक गाँव की सभा में -क्लाउड स्टोरेज- के बारे में ग्रामीणों को समझा रहे थे।
"--साथियॊं आजकल क्लाउड स्टोरेज की बहुत चर्चा है उधर। क्लाऊड स्टोरेज क्या होता है आप नहीं जानते होंगे।मै लखनऊ से अभी अभी लौटा हूँ। बताता हूँ।समझिए क्लाउड माने बादल। ऊपर देख रहें है-हाँ वही बादल। इसे ही अंग्रेजी में क्लाउड कहते हैं। आप जब अपनी सारी खबर सारी सूचनाएँ इसी बादल में छुपा देंगे तो उसे ही कहते हैं -क्लाउड स्टोरेज-
भीड़ ने तालियाँ बजाई और नेता जी ने सिर झुकाया।तभी एक नौजवान ने प्रश्न दागा- सर, मगर बादल फ़ट भी तो सकता है तो क्या होगा ?
हाँ हाँ बादल फटता भी है -उसे क्लाउड बर्स्ट कहते हैं । फटते है-जम्मू में फटते हैं-हिमाचल में फटते है- उत्तराखंड में फटते है मगर यहाँ नहीं फटेगे। यह मेरा विधान सभा क्षेत्र है --आप निश्चिन्त हो कर मुझे ’वोट’ दें ---। भीड़ ने फिर तालियाँ बजाई।
मेरे एक मित्र हैं ।अपने को अजीम और मुस्तनद शायर समझते। बहुत से लोग समझते है। जब से उनके मंच पर उनके तथाकथित शागिर्दॊं की संख्या कम हो गई तब से वह -- A.I-से रोज़ रोज़ ्लड़कियों का 3-D किरदार बनाते है --वाह वाह कराते हैं --लाइक भी कराते है और कभी कभी उसी से ग़ज़ल पाठ भी कराते है- ----बहुत ही मीठी और सुरीली आवाज़ में -और अपने को माहन शायर भी उसी किरदार से कहलवा देते है और आत्म मुग्ध हो जाते हैं।-हाय राम A.I का है ज़माना।- उसका प्यार से एक नाम भी रखते हैं और उसी को अपनी शायरी सुनाते है ।वह वाह करती है--लाजवाब लाजवाब करती है और शायर जी आत्म सन्तोष को प्राप्त होते हैं कभी कभी तो उसी के हाथों अपना AI सम्मान पत्र भी ग्रहण कर लेते है और सबको टैग करते रहते है।
मैने सोचा वह: A.I वाला : सवाल इन्हीं लोगों से पूछ लूँ। जानकार मालूम पड़ते हैं।
तभी ’ मिश्रा जी’ पधारते भए।
मिश्रा जी ! यह : A.I AI क्या होता है?
पहले तो मिश्रा जी ज़ोर से हँसे, फिर मुखरित हुए-- हा हा हा इतना भी नहीं जानते? रह गए घोचूँ के घोचूँ ।
-मतलब-? - मैने गुस्से में पूछा
मतलब जानोगे कैसे?-मिश्रा ने कहा-" कुएं से बाहर निकलोगे तब न । : A.I मतलब आर्टिफ़िसियल इंटेलिजेन्स:कृत्रिम बौद्धिकता" जो फेसबुक whats app पर हर समय बहुतायत में पाए जाते है । कृत्रिम बौद्धिक कृत्रिम बौद्धिकता!एक ढूँढो हज़ार मिलते है सभी अपने आप में आत्मुमग्ध मिलते हैं। मगर तुम्हारे में इंटेलिजेन्स नाम की कोई चीज तो है नहीं ,न ओरिजनल न आर्टिफिसियल तो AI का अर्थ जानकर क्या करोगे? -मिश्रा ने अपना ज्ञान बघारा।-यह एक टूल है जिससे लोग उलटी-पुलटी तसवीर बनाते है गंदा वीडियो भी बनाते है ’रील बनाते है-नकली आवाज़ भी भर देते है
- मिश्रा यह तो बड़े काम की चीज़ है फिर -मैने कहा
-हाँ मगर खतरनाक भी है ।A.I से किसी का उलटा पुलटा विडीयो, उलटी-पुलती तसवीर बना कर वायरल कर देता है--कि सामने वाला सारी ज़िंदगी सफ़ाई देता फिरता रहता है।
-मिश्रा खतरनाक A.I नहीं, हमलोग हैं ।आदमी खतरनाक है। "डायनामाइट" का आविष्कार अल्फ़्रेड नोबे्ल ने किया था जनहित कार्यों के लिए शान्तिपूर्ण कार्यं के लिए।पहाड़ों की चट्टानों को तोड़ने के लिए--मगर दुनिया ने क्या कर दिया --गोला बारूद बम्ब--। अशान्ति ही अशान्ति। युद्ध ही युद्ध। विडम्बना यह कि उन्ही के नाम पर -शान्ति पुरस्कार-भी। ’भूरे बाल वाले फू्फ़ा’ जी--विश्व में अशान्ति फ़ैला कर शान्ति पुरस्कार लेना चाहते हैं-- मैने अब अपना ज्ञान झाड़ा।
मिश्रा जी ने आगे समझाया -- इस A.I से आप सवाल भी पूछ सकते है। कमपूटर इधर लाओ -A.I से सवाल पूछ कर दिखाता हूँ देखो AI कैसे जवाब देता है।
इस A.I के कारनामे जानने हेतु श्रीमती जी भी पास आ गईं।
मिश्रा ने कम्पूटर सँभाला और पहला सवाल दागा--आनन्द कुमार पाठक- का अंग्रेजी बताएँ
कम्पूटर ने बताया --’ हैप्पी बैचलर रीडर-’
पीछे से श्रीमती जी चीख उठी-- हाय राम --’बैचलर ? ज़रूर नेट पर ’बैचलर’ वाली हरकत करते होँगे। रात रात भर व्हाट्स अप पर फ़ेसबुक पर रहते है। दो बच्चे के बाप हो गए--आदत नहीं गई। बैचलर बने फिरते है।कुत्ते की पूँछ सीधी हो सकती है मगर इनकी बैचलरपंती सीधी नही हो सकती। मुझे तो पहले से ही शक था। भाड़ मे जाए तुम्हारी बैचलरपंती
भाई साहब इन्हें अब आप कुछ न सिखाइए- श्रीमती जी ने कहा--इन्हें छोड़िए-मुझे बताइए कि इनकी इस "बैचलरपंती"का इलाज़ क्या है? कैसे करूँ? अभी के अभी।
मिश्रा जी --सो सिम्पल भाभी जी सो सिम्पल--आप किचेन में जैसे लहसुन कूटती हैं--अदरक कूटती हैं -बस एक दिन इनको भी--मतलब इनके मोबइलिए को लेकर कूट दीजिए--सस्ता कारगर और शर्तिया इलाज--असर तत्काल। अगर नहीं तो सलाह वापस।
-अरे भाग्यवान ! यह A.I हमेशा सही जवाब नहीं देता है । देखो मैं दिखाता हूँ। इधर बैठो ,देखो।--मैने कम्पूटर सँभाला और प्रश्न दागा-
’यह मिश्रा कौन है ?
कम्पूटर ने जवाब दिया --" एक बेवकूफ़ आदमी"
अयं -यह तो फिर सही जवाब दे गया--मैने आश्चर्य से मिश्रा को दिखाने के लिए पीछे मुड़ कर देखा तो मिश्रा तब तक गायब हो चुका था। मेरे संभावित कोप भाजन के डर से।
अस्तु
-आनन्द.पाठक ’आनन’-
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