रविवार, 3 जुलाई 2022

एक व्यंग्य 101 : पद यात्रा की राजनीति

एक व्यंग्य 100: गुबार देखते रहे

एक व्यंग्य 99: दिव्य ग्यान

एक व्यंग्य 98: वितरण चुनाव टिकट का

एक व्यंग्य 97 : गुरु दक्षिणा

एक व्यंग्य 96: विग्यापनी शादी

एक व्यंग्य 95 : प्रधानमंत्री और जन्मदिन

एक व्यंग्य 94: श्रीमती जी की काव्य चेतना

एक व्यंग्य 92: सावित्री लौट आई

एक व्यंग्य 93: अपना अपना शौक़

एक व्यंग्य 91: कटोरा बुधना का

एक व्यंग्य 90: सबको अपनी अपनी पड़ी है

एक व्यंग्य 89 : जापान की चाहत

एक व्यंग्य 88 : सुदामा की खाट

एक व्यंग्य 87 : स्वागत में गाली--